दोस्तों क्या आप चायना के मंगल मिशन के बारे मे जानते नही तो चलिये जान लेते है
चायना की स्पेस एजन्सी (CNSA) के मंगल मिशन का नाम है Tianwen-1 दोस्तों ये चायना का पेहला स्वतंत्र मंगल मिशन है ये एक रोबोटिक स्पेसक्राफ्ट है इस स्पेसक्राफ्ट मे एक ऑर्बिटर , लँडर और रोव्हर डाला गया है और आपको बात दू की (Tianwen) शब्द का अर्थ होता है
(Quest for heavenly truths)
यानी की
(स्वर्ग के सत्यो की खोज)
इस मिशन का नाम तो बोहोत दमदार है तो चलिये अब इसके काम के बारे मे जान लेते है
- Tianwen-1 मिशन
और क्या आपको पता है की पेहले चायना अपना मंगल मिशन रशिया के साथ मिलकर करणे वाला था और दोनो मान भी गये थे नवंबर 2011 को रशिया का फोबोस
(grunt) नाम का अपना स्पेसक्राफ्ट मंगल के लिये लाँच किया उसके साथ चायना का (Yinghuo-1) नाम का एक मार्स ऑर्बिटर स्पेसक्राफ्ट भी लाँच किया लेकीन लाँच के कूच समय बाद की रॉकेट फट गया और धरती के बाहेर भी नहीं जा पाया उसके बाद चायना ने अपना खुद का मिशन लाँच करणे का घोषित किया
तो दोस्तों चायना के इस मिशन का मकसद है की पेहले वो अपने ऑर्बिटर को मंगल की कक्षा मे स्थापित करेगा और फिर लँडर को मंगल की सतह पर लँड करवायेगा और अगर वो ऐसा करणे मे कामयाब हो जाते है तो चायना अमेरिका और सोव्हिएत युनियन के बाद मंगल की सतह पर सफलता पूर्वक लँड करणे वाला तिसरा देश बन जायेगा
इस मिशन मे कुल 13 scientific instruments भेजे गये है
- Mars magnetometer
- High resolution camera
- Spectrometer
- Orbital subsurface radar
- Particle analyser
- Ground penetrating radar
- Multi spectrum camera
- Mars surface compound detecter
- Mars meteorology measurement instrument
- Mars surface magnetic field detector
- Medium resolution camera
- Navigation and topography camera
- Mass energetic particle analyser
इन (instruments) की मदत से वो टोटल पांच सायंटिफिक गोल्स को कंप्लीट करना चाहते हैं
- मंगल की सतह का स्ट्रक्चर कैसा है और वो कैसे (evolve) हूआ
- मंगल ग्रह की सतह की नीचे कितनी लेयर्स हे और की वहा पर पाणी है
- मंगल की सतह पर कोण कोणसे (rocks , minerals और elements मौजूद है
- मंगल की वातावरण मे (धूल , मिट्टी के कन , बादल ,और वह के क्लायमेट चेंज को स्टडी करना
- मंगल के इंटर्नल structure को स्टडी करना मंगल की magnetic फील्ड की स्टडी करना
इस तरह वो नाकी सिर्फ मंगल के करंट फॉर्म को बल्की भूतकाल मे हूए (evolution) बारे मे भी स्टडी करना चाहता है
और चायना इसी मिशन द्वारा 2030 तक मंगल ग्रह की सतह से सँपल कलेक्ट करने की प्लॅनिंग भी की हे
अब चायना का स्पेसक्राफ्ट मई या जून 2021 तक मंगल ग्रह की स्टडी करेगा की वहा पर वो अपनी लँडिंग साईट की अच्छे स्कॅन करेगा (analyse) करेगा और फिर उस मिशन के वैज्ञानिक मई या जून के महिने मे लँडर को मंगल की सतह पर लँड करवायेंगे
ईसकी लँडिंग साईट होगी (utopia planitia) ईसी साईट पर रशिया के viking-1 और viking-2 lander उतरे थे नासा ने बताया है की वहा पर आइस के फॉर्म मे पाणी है
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