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The space science
मे
तो आज का हमारा टॉपिक हैं मिशन हायाबुसा 2 जोकि जापान का इस टाईप का दुसरा मिशन है पेहला मिशन भी एक (asteroid sample)
रिटर्न मिशन था लेकीन उसके इक्विपमेंट्स फेल होने की वजह ये स्पॅसेक्राफ्ट बोहोत् ही कम मायक्रो ग्राम मे (samples) ला पाया था
उसके बाद इस मिशन
से बोहोत सिखणे के बाद दुसरा बडा मिशन प्लॅन किया और उसे
(Asteroid (Ryugu)
के लिये लाँच किया (Ryugu) एक (near eart)h ऑब्जेक्ट यानी (atseroid) है और ये एक
(potentially hazardous object) ओर ये एक (carbonasious asteroid) है
मतलब इसमे कार्बन बोहोत है और ये (asteroid
Planet formation) के वक्त का (asteroid) है
और आपको बता दू की ये मिशन पुरा हो चुका है और (asteroid) के (samples) एक (capsule) मे सफलता पूर्वक धरती पर आ चुके हैं
इस मिशन को 3 डिसेंबर 2014 मे लाँच किया गया था और ये स्पसक्राफ्ट.
30 करोड किलोमीटर का सफर तय करके 17 जून 2018 मे ये स्पसक्राफ्ट (asteroid) (रियुगु) पर पहुंचा
वहा पोहोच ने के बाद उसने (asteroid) को ऑर्बिट किया और बोहोत सारी रिमोट स्टडी की
मतलब उसमे लगे हुये इलेक्ट्रॉनिक एक्विपमेंटस से (asteroid) की स्टडी की (sample) कलेक्ट करणे के लिये (asteroid) की मॅपिंग की
फिर उसके बाद शुरू होता है इसका मेन मिशन
इस स्पसक्राफ्ट मे 4 रोव्हर थे उन्हे (asteroid) के सर्फेस पर ड्रॉप करके सर्फेस को स्टडी किया गया
और जैसे की आप देख ही सकते हैं ऊपर की इमेजेस मे की इन रोवर्स मे व्हील्स नही है
क्यूकी इस (asteroid) पर ग्रॅव्हिटी बोहोत कम है
तो उसपर बाऊन्स करना बोहोत इझी है
इसलिये इन रोवर्स मे व्हीलस नही थे
सिर्फ उन्हे मोमेंटम की जरुरत थी फिर वो अपने आप बाऊन्स होंगे
फिर स्पेसक्राफ्ट ने (asteroid) के सर्फेस से (samples) कलेक्ट किये
फिर उसके बाद rovers की study कीये हूये surface पर एक impactor मारा गया
यानी की asteroid पर धमाका किया गया एक
boom 💥 effect से मतलब impacter से
और फिर इस धमाके से asteroid पर एक
गड्डा किया गया और उस गड्डे मे से sample collect किया गया
मतलब आप समझिये की पेहले asteroid की surface से sample collect किया गया
फिर impactor मारके गड्डे मे से यानी की
sub-surface का भी sample collect किया गया
ऐसा इसलीये क्युकि asteroid के surface sun की radiation की वजह expose हो चुका हैं मतलब
उसके surface की सारी chemistry , properties change हो चुकी है पर उसके sarface के अंदर का एक अलग data-point है क्युकी asteroid की
sub-surface radiation से expose नही है
ये spacecraft 17 june 2018 मे asteroid पर पहुंचा उसके बाद उसने सारा उसका main mission था वो किया और
फिर December 2019 मे asteroid से पृथ्वी की तरफ वापस आने के लिये निकला और
5 December 2020 को spacecraft ने capsule को पृथ्वी की तरफ छोड दिया
Spacecraft का capsule samples के साथ पृथ्वी पर वापस आ चुका है लेकीन
Spacecraft का मिशन अभी यही खतम नही हुआ है अभी भी spacecraft मे fuel बचा
इसलिये spacecraft अपने दुसरे asteroid mission के लिये निकल चुका है और ये मिशन
2031 तक extend हो चुका हैं
तो अब उन samples की अलग अलग तरीके से जांच की जयेगी उन samples मे से कूच नासा मे दिये जायेंगे और बाकी japanise space agency jaxa study करेगी
तो आपको मेरी ब्लॉग पोस्ट कैसे लगी मुझे comment करके जरूर बताये
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Thank you
5 टिप्पणियाँ
Nice info👌👌
जवाब देंहटाएंThank you so much
हटाएंNice 🔥
हटाएंThank you for give this information
जवाब देंहटाएंIt's my passion and I am doing it most welcome
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