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OSIRIS REX नासा फर्स्ट ASTEROID SAMPLE रिटर्न मिशन

Osiris rex asteroid sample रिटर्न 

मिशन



हॅलो फ्रेंड्स

       आज हम एक और सँपल रिटर्न मिशन के बारे मे जानेंगे और ये एक (asteroid) सँपल रिटर्न मिशन है ये नासा का पेहला मिशन है जो (asteroid) का सँपल रिटर्न करेगा मतलब ऐसा नही है की नासा ने कभी सँपल रिटर्न मिशन नही किया नासा बोहोत सारे सँपलस् अपोलो मिशन मे चांद से पृथ्वी पर ला चुका है 

       ये मिशन पेहला मिशन है जोकि (asteroid) के सँपलस् पृथ्वी पर लायेगा 

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       OSIRIS REX नासा का फर्स्ट (asteroid) सॅम्पल रिटर्न मिशन है जोकि (near earth asteroid) (bennu) पर जायेगा और सँपल कलेक्ट करके लेकर वापस पृथ्वी पर आयेगा 

1. (Bennu) क्या है

       (Bennu) एक (near earth asteroid) है जो पृथ्वी से करिब 32.1 करोड किलोमीटर दूर है ये एक (carbounasios asteroid) है मतलब इसमे कार्बन है और ये सौर मण्डल के निर्माण के वक्त का बचा हुआ है

       इस (asteroid) को स्टडी करने से हमे इस  ब्रम्हांड के निर्माण का पता चलेगा और हमारे सौर मण्डल के ग्रह हमारी पृथ्वी कैसे निर्माण हुई उसकी (formation) कैसे हुई हमे एक अंदाज लगेगा और ये एक ऐसा (asteroid) है जोकि भविष्य मे पृथ्वी से टकरा सकता है इसलिये ईसका अध्ययन करना बोहोत जरुरी है
और उसके के लिये हमे उस (asteroid) के सँपल को स्टडी करना पडेगा 

2. Osiris rex 

Osiris rex - origins, spactral interpretation, resource identification, security, regolith explorer

      इस स्पेस क्राफ्ट मे स्टडी करणे के लिये पांच मेन इक्विपमेंट्स लगे हैं👇


  1. OSCAM - Osiris rex camera suit
    3 camaras 👇
  • Polycam
  • Mapcam
  • Samcam
  1. OLA - Osiris rex laser altimeter
  2. OTES - Thermal emission spectrometer
  3. OVIRAS - visible and infra-red spectromete        
  4. REXIS - Regolith x-ray imaging            spectrometer
  5. TAGSAM - Touch-and-go aquisition mechanism
Osiris rex ये स्पेस क्राफ्ट (asteroid) से सँपल कलेक्ट करके धरती पर लायेगा और इसका primary goal यही है की कम सेे कम  60 ग्राम तक सँपल कलेक्ट करना हैै 

3. Osiris rex  mission

      इस मिशन को 8 सप्टेंबर 2016 को Atlas V रॉकेट से लाँच किया गया था

       अंतरीक्ष के अंधकार मे दो साल तक सफर करणे के बाद 3 डिसेंबर 2018 ये स्पेस क्राफ्ट (asteroid बेंनु)
पर पहुंचा (asteroid) के पास पहुंचने के बाद
 स्पेस क्राफ्ट ने अपना स्पीड और ऑर्बिट मॅच किया और एक साल तक बेंनू को ऑर्बिट किया उसकी (high resolution mapping) की और इस दौरान नासा को एक बडी प्रॉब्लेम का पता चला बात ऐसी हुइ की वैज्ञानिको का (expectations) कूच और थे और वहा कुच्छ और ही दिखा वैज्ञानिको का अंदाज था की


      (asteroid) की सतह बिलकुल प्लेन होगी उसपर बोहोत सारी खाली जगह होगी ये स्पेस क्राफ्ट आराम से जायेगा और सँपल कलेक्ट करके लेकर आएगा 
जबकी वैसा बिलकुल नही था (asteroid) की (observation) के बाद पता लगा की उस (asteroid) की सतह बडे बडे चट्टानो से भरी हुइ है और ऊसमे सँपल कलेक्शन के लिये 1 से 2 मीटर की जगह खोजना का मुश्किल था


       नासा का जो पुरा प्लॅन था सॅम्पल्स कलेक्शन का ऐसा था की Osiris rex स्पेस क्राफ्ट के पास मौजुद 

LIDAR - Light Detection and ranging 

ये एक ॲक्टीव रिमोट सेंसिंग सिस्टम है जो लाईट की मदत से उंचाई और चौडाई मापता है ये एक तरह से रडार की तरह ही काम करता है बस इसमे (light rays) की मदत से काम करता है और रडार (waves) की मदत से तो ये प्लॅन था की इस LIDAR का इस्तेमाल करके ये पता लगाया जायेगा की स्पेस क्राफ्ट (ASTEROID) की सतह के कितना करीब है फिर वो स्पेस क्राफ्ट को सँपलिंग साईट के 25 मीटर के (area) मे ले जायेगा और उसके बाद सँपलिंग प्रॉसेस को परफॉर्म किया जायेगा


     लेकीन सर्फेस की ऑब्सरवेशन के मुताबिक वहा बडी बडी चट्टाने होने के कारण कम से काम 5 मीटर की दुरी रखना जरुरी था नही तो स्पेस क्राफ्ट किसी नुकीली चट्टान से टकरा सकता था तो (ASTEROID) की उन कंडिशन्स को देखते हूए Osiris rex स्पेस क्राफ्ट को एक 


सॉफ्टवेअर अपडेट दी गयी जिससे स्पेस क्राफ्ट को ऑप्टिकल नेवीगेशन (capabilities) जिससे स्पेस क्राफ्ट के कॅमेरे के द्वारा खिंची हूई तस्वीरो को (observe) कर उनके (important) फिचर्स को देख कर उनके लोकेशन का पता लगायेगा मतलब स्पेसक्राफ्ट खुद से सबकुच करेगा  और उस स्पेस क्राफ्ट ने बोहोत सारे रिहर्सलस् किये 


4.  मेन सँपलिंग मिशन 


सँपलिंग साईट खोजणे के बाद 20 ऑक्टोबर 2020 को स्पेसक्राफ्ट सँपल कलेक्शन के लिये बेंनु की सतह की और बढा फिर स्पेसक्राफ्ट ने TAGSAM - tap-and-go aquisition mechanism 👇

आर्म को


 

बेंनु की सतह पर (tap) किया गया उस आर्म के अगले हिस्से पर एक सँपल कलेक्शन कंटेनर लगा हुआ था जो एक डिस्क की तरह है


जब उस आर्म को (ASTEROID) सर्फेस पर (tap) किया गया


उसके अगले सँपल कंटेनर मे नायट्रोजन गॅस के तीन सिलेंडरस् थे उन मे से एक सिलेंडर की गॅस को हाय प्रेशर के साथ रिलीज किया गया वो गॅस रिंग शेप मे एक तरफ से बाहर निकलती है और दुसरी तरफ से (ASTEROID) की मिट्टी को अंदर की तरफ ले जाती हैं और फिर उस कंटेनर के साइड बार मे की सँपलस् की ले जाती है 

गॅस की हाय प्रेशर की वजह से मिट्टी अंदर की तरफ खींची चली जाती है

जैसे की आपको नीचे दिख ही रहा होगा कंटेनर मे से गॅस बाहर निकल के एक रिंग शेप मे अंदर की तरफ आती है 👇


उस (tap) के दौरण बोहोत सारी मिट्टी स्पेस मे भी उडा दि

देखिये कैसे सँपल कलेक्ट किया गया 👇 

https://youtu.be/xj0O-fLSV7c 


तो इसका गोल 60 ग्राम तक सँपलस् कलेक्ट करणे का था लेकीन इसने 60 ग्राम से ज्यादा सँपल कलेक्ट कर लीया मतलब उम्मिद से कूच ज्यादा ही कलेक्ट हो गया था जब (Osiris rex) की टीम ने उस सँपल कंटेनर को कॅमरेसे देखा तो उन्हे दीखा की उस कंटेनर मे से कूच पर्टिकल्स निकल रहे थे लिक हो रहे थे उन्होंने देखा की ज्यादा कॅपॅसिटी होने से उसका दरवाजा ठीक से बंद नही हूआ था जैसे ही मिशन की टीम ने देखा की पार्टिकल्स निकल रहे हैं उसी वक्त उसके सारे मिशन को रोक दिया गया 

उसके बाद उसकी टीम ने ये प्लॅन किया की उस आर्म को बोहोत धीरे धीरे सँपल रिटर्न कॅप्लसुल की तरफ घुमाया जायेगा और फिर सँपलस् को कॅप्सुल मे डाला जायेगा फिर वैसा ही हुआ मिशन की टीम ने सफलता पूर्वक उन सँपलस् को सँपल रिटर्न कॅप्सुल मे डाल दिया और उसे सील कर दिया गया है 

अब मार्च 2021 मे पृथ्वी की तरफ वापस आने के लिये एक विंडो खुलेगी जिसमे स्पेस क्राफ्ट पृथ्वी की तरफ वापस आने के लिये निकलेगा और 2023 मे पृथ्वी पर वापस आयेगा पृथ्वी के 300 से 400 किलोमिटर ऊपर से कॅप्सुल को ड्रॉप कर देगा फिर कॅप्सुल धरती के वातावरण मे re-entre करके पृथ्वी पर (land) होगा और वहा उसका मिशन समाप्त होगा 

अभी स्पेसक्राफ्ट बेंनु के ऑर्बिट मे ही हैं 




आपको मेरी ब्लॉग पोस्ट कैसी लगी मुझे कमेंट करके जरूर बताये 


Thank you 


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