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ISRO ADITYA L1 INDIAS FIRST SOLAR MISSION (in हिंदी)

 Isro Aditya L1 mission indias first solar 

 mission

 Full information (In हिन्दी)







हॅलो दोस्तों स्वागत है आपका फिरसे मेरे ब्लॉग 

The space science

मे I hope की आप लोग स्वस्थ  और सुरक्षित होंगे

तो friends आज हम जाणेंगे india के first soler mission (Aditya L1) के बारे मे 


दोस्तों Aditya L1  ये एक यान है जो की हमारे सूरज (sun) की स्टडी करेगा उसका अध्ययन करेगा

आदित्य शब्द एक संस्कृत शब्द है जिस्का अर्थ 

सूर्य देवता

है

उसके बारे मे बहुत सारी इन्फॉर्मेशन कलेक्ट करके इस्रो को भेजेगा


तो चलीये जाणते है इसके बारे मे 


तो friends जैसे की मैने आपको बताया ये मिशन एक सोलर मिशन है और इसका मिशन sun को study करना तो है ही लेकीन इसका main goal sun के corona sphere को समजना है


अब दोस्तों ईसमे corona ये शब्द आया तो आप समजेंगे इस बिमारी को सूरज पर समजणे जाना है😆


दोस्तों corona sphere मतलब सूरज की सतह से ऊपर का जो वातावरण होता हैं उसे corona sphere केहते है  पर दोस्तों ये सूरज का जो corona है वो आसनी से नही 


दिखता उसे कूछ खास telescope से ही देखा जा सकता है और दोस्तों जब (soler eclips) सूर्य ग्रहण लगता है


मतलब जब भी सूरज और पृथ्वी के बीच चांद आता है तो 

सूरज का अंधरूनी हिस्सा ढक जाता है और उसका बाहरी वातावरण आसनी से दीखता है

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तो दोस्तों इस mission का असली goal (corona sphere ) यानी की सूरज की सतह के उपरी वातावरण को समजना है 


तो आप सोचेंगे की इस मे ऐसा क्या है 

तो friends बात ये हैं की जो सूरज की सतह है उसका जो  तापमान है 


लगबग 6000 डिग्री सेल्सिअस पर होता है

पर उसके ऊपर का जो वातावरण है उसका तापमान sun की surface से लाखो गुणा ज्यादा है तो ये सवाल उठता हैं की ऐसा क्यो हो रहा है ये अभी भी वैज्ञानिक को के लिये एक (mystery) रहस्य बना हुआं है 


 तो अगर बाताया जाये की suraj के corona का तापमान तो वो  1 million degree celcius से लेकर 10 million degree celcius तक है मतलब 10 लाख से लेकर 1 करोड तक है


तो आप अंदाजा लागा सकते हैं की ये तापमान सूरज की सतह से कितना ज्यादा है


तो दोस्तों इसिकी पढाई करणे के लिये आदित्य L 1 mission भेजा जायेगा


 और friends ऐसा नही है कि सिर्फ sun के corona sphere को ही study करना है


सूरज मे समजणे के लिये भी बोहोत सारे fields है


जैसे की सूरज की magnetic field को समजना sun's spot, soler winds , sun के structure को समजना 

ऐसी बहुत सारी fields है 

जिसको इस मिशन द्वारा study करा जयेगा 


 मैने तो सिर्फ आपको इस  मिशन का main goal बताया


तो अब बात करते हैं इस मिशन को किस रॉकेट से लाँच किया जयेगा

  कब लाँच होगा? और इसकी location क्या है मतलब इसे अंतरीक्ष मे कहा पर रखा जायेगा


तो ईसे PSLV-XL रॉकेट से लाँच किया जायेगा

दोस्तों xl इसलीये क्युकी इसे बहुत दूर भेजना है

इसलिये बहुत सारे छोटे छोटे रॉकेट boosters होंगे


अगर हम बात करे इसके लाँच date की तो

इसका लाँच 2019-20 मे ही होने वाला था लेकीन अब इसका लाँच 2022 मे होगा 


और दोस्तों बात करे इसके location की जैसा की इसके

नाम मैं ही लिखा है आदित्य L1 

To वैसेही धरती और सूरज के बीच 5 पॉइंट होते है उसे (lagrange) लग्राज पॉइंट केहतें है 


अगर दोस्तों देखा जाये तो कोई भी दो celestial bodies के बीच mathematically 5 points बन ही जाते हैं

तो उन 5 पॉइंट मे से पहले पॉइंट यानी की L 1 point पर रखा जयेगा 


L1 point पृथ्वी से 1.5 million km दूर है यानी 15 लाख km दूर

आप ये इमेज देखिये आपको समज आयेगा





और ये सब पॉइंट्स पर spacecraft को अपनी orbit maintain करणे के लिये energy कम लगती है यानी की fuel कम लगता है


 और ये सोलर probe L1 पॉइंट पर जाकर ऐसा नही है की stable रहेगा वहा जाकर orbit करेगा


और इसलिये इसे  (helo orbit) कहा  जायेगा क्युको वो वहा जाकर stable नही रहेगा orbit करेगा और उस orbit को (helo orbit) कहा जायेगा


अब बात करते हैं इसके payload की तो इसमे total 7 payloads है 

और इसका weight 400 kg है


जोकि india के varios institutes के साथ collaborate करके बनाया है क्युकि sun की बोहोत सारी study करणी है तो उसके लिये बोहोत सारे payloads लगेंगे और ये सब अकेले इस्रो नही कर सकता इसके लिये

बोहोत सारे institutes के साथ मिलकर काम किया जा रहा है


कुच इस तरह इसका design है और payloads






इसमे पेहला main paylod जो है वो 👇



1-  ( VELC ) - VISIBLE EMISSION LINE CORONAGRAPH


तो अगर sun के corona को study करना है तो जो sun की लाईट आ रही है उसे study करना पडेगा 


और उसे study करना है तो उस light   sensor पे focus करणी पडेगी


पर प्रॉब्लेम ये है की अगर sun light direct sensor पे डाल दी तो sensor खराब हो जायेगा 



तो उस sun light को इस   VELC  मे उसको filter किया जायेगा Focus किया जायेगा और उसके बीच मे एक

 

ब्लॉक लगाया जाएग जो ऊसमे (eclipse) ग्रहण की तरह काम करेगा मतलब 



जैसे sun की surface की light बोहोत powerful होती है और हमे उसकी surface को नहीं देखणा सिर्फ उसके atmosphere को देखणा है 



तो बीच मे ये ब्लॉक surface की light को ब्लॉक कर देगा और सिर्फ sun के atmosphere की light को defact कर अलग अलग spectrum मे


  उससे फायदा ये हैं की उससे पता चलेगा की green light क्या हो रहा है रेड मे क्या है ऐसे अलग अलग spectrum मे से study किया जायेगा

कुच इस तरह👇







2 - ( SUIT ) SOLER ULTRAVIOLET IMAGING TELESCOP




ये payload इसलिये क्यूकि ultraviolet rays को भी study करना है


3 - ( ASPEX )    ADITYA SOLER WIND PARTICLE EXPERIMENT


Sun के atmosphere मे सोलर wind particles होते है उसे study करणे के लिये ये है



4 - (PAPA) PLASMA ANALYSER PACKAGE FOR ADITYA


इसे sun कितनी energy distribute करता है ये मापने के लिये हैं


5 - (SOLEXS) SOLER LOW ENERGY X-RAY SPECTROMETER



Soler x-ray को study करणे के लिये और सोलर corona का heating mechanism समजणे के लिये यानी की किस की वजह से soler corona इतना गरम है



6 - (HEL1OS)HIGH ENERGY L1 ORBITING X-RAY SPECTROMETER 



7 - MAGNETOMETER


तो ये थी मेरी पोस्ट आदित्य L 1 mission के बारे मे



Thank you









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