इस अंतरीक्ष मे बोहोत से रहस्य छुपे है और हमारे वैज्ञानिक इन रहस्यो को खोजने मे लगे है लेकीन अंतरीक्ष के बारे मे जानने के लिये उसको समजणे के लिये पृथ्वी पर रेहकर सबकुच करना संभव नही इसलिये इसके लिये अंतरीक्ष मे रेहकर रिसर्च करणी पडेगी इसलिये
अंतरीक्ष मे धरती से 400 किलोमिटर ऊपर लो अर्थ ऑर्बिट मे (ISS - International Space Station) बनाया गया इस स्टेशन को बोहोत सारे देशो ने साथ मे आकर बनाया है और ये अंतरीक्ष मे इंसानो द्वारा बनायी गयी सबसे बडी चीज है और दुनिया की सबसे मेहंगी चीज है
- ISS पर मिला नया जीव
नासा मे काम करणे वाले भारतीय मुल के वैज्ञानिको ने इंटरनॅशनल स्पेस स्टेशन मे चार नये बॅक्टेरिया की खोज की है ये बॅक्टेरिया वहापर अलग अलग सतह पर पाये जाणे वाले हैं
तो इन बॅक्टेरिया मे चार नये स्ट्रेन की खोज हुई है (ISS) पुरी तरह आयसोलेटेड है और इस आयसोलेटेड स्थान पर बॅक्टेरिया के नये स्ट्रेन मिलने पर वैज्ञानिक भी हैराण है पेहली बार इनकी पेहचान 2015 और 2016 मे की गयी थी इनमेसे
एक (ISS) के रिसर्च स्टेशन के ओवर हेड पॅनल पर मिला था
दुसरे की खोज (ISS) सबसे ऊपर के ऑब्झर्वेशन वर्क एरिया मे की गयी थी
इसके तिसरे स्ट्रेन की खोज स्पेस स्टेशन मे खाने की मेज पर की गयी थी
और इसके चौथे स्ट्रेन की खोज (ISS) के पुराने (HEPA) हेपा एअर फिल्टर मे की गयी थी
- पौधो के लिये यूसफुल है ये बॅक्टेरिया
ये बॅक्टेरिया नायट्रोजन निर्धारन और साधे के विकास मे शामिल है और पौधे की बिमारी वाले बॅक्टेरिया से लढणे मे सक्षम है ये बॅक्टेरिया विशेष रूप से पौधो को बढाणे मे काम आ सकते है
लेकीन वैज्ञानिक इस बात को लेकार हैराण है की ये बॅक्टेरिया ISS मे कैसे आये ये कर क्या रहे हैं
और आ गये तो ये बॅक्टेरिया अब तक जिंदा कैसे है वैज्ञानीको ने इन बॅक्टेरिया के जेनेटिक सेक्वेन्स से पता लगाया है की इनमे से तीन नये बॅक्टेरिया है इनके नाम है
IF7SWB2T
IIF1SWB5
IIF4SWB5
और इसका चौथा स्ट्रेन जो की (HEPA) हेपा फिल्टर मे मिला वो एक नये मायक्रोबियल प्रजाती से संबंधित है और इसका नाम
(METHILO RUBRUM ODISHIANAUM)
मेथिलो रब्रम ओडीशीयानाम
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