दोस्तों हमारा ब्रम्हांड इतना बडा है की हम अंदाजा भी नहीं लगा सकते हमारी सोच से भी पर हैं इस ब्रम्हांड मे बोहोत से ऐसे अगीनत रहस्य है पहेलीया है जिसे हम आज तक नहीं जान पाये है
उनमे से ही एक है ब्लॅक होल
ब्लॅक होल एक ऐसी चीज है जिसके बारे मे हम बोहोत कूच जाणते भी है और एक तरह से देखा जाये तो जितना जाणते है वो 1 % से भी कम है दुनिया के कूच महान और बुद्धिमान वैज्ञानिको द्वारा खोजी गयी जाणकारी हमारे पास है
- ब्लॅक होल (black hole)
ब्लॅक होल युनिव्हर्स मे सबसे ज्यादा डेन्सिटी वाला कोई होता है मतलब इस्की इतनी डेन्सिटी है कोई इतके आस पास भी नही आ सकता
इस ब्रम्हांड मे हर चीज स्पेस टाईम को बेंड कर रहा है मतलब झुका रहा है जैसे की स्पेस है उसमे पृथ्वी है तो पृथ्वी ने स्पेस का एक मॅक्सिमम एरिया कव्हर कर लिया मतलब तो जो एरिया है वो झुक गया बेंड हो गया स्पेस भी टाईम भी हर चीज बेंड करता है चाहे वी चांद हो सूरज हो हर चीझ
तो ब्लॅक होल भी स्पेस टाइम को बेंड करता है लेकीन ईसका थोडा अलग हैं ये स्पेस टाईम को बेंड करके एक पॉइंट बना डेता है अगर आपने ब्लॅक होल के ग्राफ या इमेज देखे होंगे तो उसमे एक ब्लॅक होल होता है जिसका मुह बोहोत बडा सरक्यूलर शप मे होता हैं और उसका नीचेका सेंटर का हिस्सा पॉइंट मे होता हैं यानी की ये उसको (Singularity) मे कन्व्हर्ट कर दे रहा है
जैसे आप इस 👆 इमेज मे देख सकते हैं
सूरज स्पेस को बेंड कर रहा है वैसे ही (Neutron star) और आप देखीये की ब्लॅक होल स्पेस को (singularity) मे पोहोचा दे रहा है
इसी वजह से इसमे जो भी चीज जायेगी बाहर नही निकल सकती मतलब हमेशा हमेशा के लिए चला जाता हैं
इसमे से प्रकाश (light) भी बाहर नही आ सकता मतलब ब्लॅक होल के आजू बाजू हो सकता है लेकीन ईसके अंदर जो गया वो कभी बाहर नही आ सकता
लेकीन दोस्तों ब्लॅक होल अपने अस पास किसी भी चीज को तब तक नही खीचेगा जब तक वो चीज उसके निर्धारित रेषा के बाहर है और उसे
ब्लॅक होल का (event horizon) केहते है अगर किसी ग्रह या तारे ने इस (event horizon) पार किया तो ब्लॅक होल उसे अपने अंदर खीच लेगा
इसलिये हम भी ब्लॅक होल को आसानी से नही देख सकते क्यूकी उसे देखणे के लिये लाईट चाहिए पर ये तो लाईट अब्सोर्ब कर लेता है ब्लॅक होल की पेहली खींची गयी इमेज 👇👇
- ब्लॅक होल बनता कैसे है ( how black hole forms)
तो अब तारा कैसा होता हैं एक तारे के अंदर फ्युजन और (gravity) का (balance) चल रहा होता हैं
फ्युजन (जब दो (nuclie) आपस मे मीलकर कूच सुपर massive बनाते है ) तो फ्युजन तब तक होता हैं जब तक ऊसमे फ्यूल होगा मतलब दो (nuclie) चाहिए वो जब तक होगा फ्युजन चालता रहेगा जब भी फ्यूल खतम होगा अंदर का फ्युजन रुक जायेगा उसके रुकने के बाद अंदर से जो प्रेशर बाहर लग रहा होता हैं
वो लगणा भी रुक जाता है फिर (gravity) उसके अंदर (collapse) करने लगती है कंप्रेस करती जाती है उसको इतना कंप्रेस कर देती है की वो फट जाता है फट ने के बाद वो एक (सुपर नोवा) बन जाता है जो मॅटर फटके बाहर जाता है उसकी रिएक्शन से अगर वो छोटा हो गया तो (white dwarf) बन जायेगा और अगर उसका कोर किसिसे (collapse) कर गया तो तो वो ब्लॅक होल बन जायेगा उसके बाद दो रास्ते होते है
यातो ब्लॅक होल , और (white dwarf)
तो ऐसे ब्लॅक होल बनता है
दोस्तों ब्लॅक होल के बारे मे बताने के लिये बोहोत कूच है और ईसके बोहोत सारे रहस्य है हम किसी और पोस्ट मे जाणेंगे
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