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ISRO reusable launch vehical RLV-TD in hindi


इस्रो का पेहला (re-usable launch vehicle) RLV-TD technology demonstration है मतलब ये अभी (testing phase) मे है ये भविष्य मे इस्रो का पेहला पुनः प्रक्षेपण यान (reusable launch vehicle) होगा ये एक पंखयुक्त एरोस्पेस वाहन है 

जिसे स्पेस प्लेन कहते हैं मतलब बिलकुल नासा के स्पेस शटल की तरह मतलब ये अंतरीक्ष मे जायेगा और (satellites) या अन्य पेलोड्स पृथ्वी की निचली कक्षा (low earth orbit) मे स्थापित करके पृथ्वी पर वापस लौट आयेगा  

  • RLV रॉकेट क्या होते है 
RLV ( reusable launch vehicle ) पुनः प्रक्षेपण यान ये साधारण तः TSTO (Two-stage-to-orbital vehicle) होते है  SSTO (single-stage-to-orbit) और कूच रॉकेट (Three-stage-to-orbit) होते है 
जैसे की स्पेस शटल (three stage RLV) है 

(TSTO) इसमे पेहला चरण सॉलिड या लिक्वीड रॉकेट बूस्टर होता है जो दुसरे चरण को पृथ्वी कि कक्षा तक पहुंचाता है   
और फिर दुसरा चरण यानी स्पेस प्लेन पृथ्वी की कक्षा मे एंटर करके बिलकुल हवाई जहाज की तरह रनवे पर लँड करता है और फिर उसका फिरसे इस्तेमाल किया जाता सकता है

और कूच रॉकेट के पहले स्टेज को रियुस किया जाता है जैसे की (falcon 9) और (falcon heavy) ईसके रॉकेट बूस्टर सेकंड स्टेज को ऑर्बिट मे छोडकर फिरसे पृथ्वी पर आकर लँड करता है  

इस प्रक्षेपण यान की मदत से रॉकेट लाँच की किंमत कम ही जाती है 

  • RLV-TD 
Reusable launch vehicle - technology demonstration 

23 मई, 2016 को इसरो ने भारत के पहले पंख युक्त एयरोस्पेस वाहन का हाइपरसोनिक फ्लाईट टेस्ट सफलतापूर्वक पुरा किया 

इस एक्सपेरीमेंटल मिशन में HS9 सॉलिड रॉकेट बूस्टर के ऊपर (RLV-TD) को सतीश धवन सतीश धवण स्पेस सेंटर श्रीहरिकोटा के लाँच पैड से सुबह 07.00 बजे लाँच किया गया था ये एक हायपरसनिक लाँच टेस्ट था

 और ईसकी स्पीड 5 मॅक (आवाज की गती के 5 गुना ज्यादा) थी ईसके द्वारा शटल को 70 किलोमीटर ऊपर ले जाया गया और फिर वहासे बूस्टर (detatch) हो गया फिर शटल 70 किलोमीटर ऊपर 180 डिग्री मुड कर ईसे बंगाल की खडी मे उतारा गया 

इसकी स्पीड आवाज की गती से 5 गुना ज्यादा होने के कारण ईसे लँडिंग के लिये 5 किलोमीटर लंबा रणवे जरुरी था इसलिये जमीन पर ना उतार कर पाणी मे वर्च्युअल रणवे पर लँड कराया गया 
इससे सारे डाटा कलेक्ट किये गये 

और आपको बता दू की ये शटल वास्तविक शटल से 6 गुना छोटा है ईसे पुरा बनने मे 10 से 15 साल लगेंगे और इस्रो re-usable रॉकेट बूस्टर पर भी काम कर रहा है जो बिलकुल falcon9 की तरह लँड करेगा 

इससे इस्रो की रॉकेट लाँच मे लगणे वाली लागत बोहोत कम ही जायेगी 


आपको मेरी blog post कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताये 
Thank you 




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